5 Tips about hindi kahaniya story You Can Use Today
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भूमि ही क्या संसार के जितने भी पदार्थ हैं धन सम्पति हैं मकान आदि हैं, इनमें से कुछ भी तुम्हारा नही हैं.
अब मोर की बात सुनकर, देवी ने समझाया, “भगवान के द्वारा सभी का हिस्सा निर्धारित है, हर जीव अपने तरीके से खास होता है। भगवान ने उन्हें अलग–अलग बनाया है और वे एक निश्चित काम के लिए हैं। उन्होंने मोर को सुंदरता दी, शेर को ताकत और कोयल को मीठी आवाज!
स्वामी ! बात यह हैं कि सभी पशुओ ने आज सभा करके और सोचकर मै बहुत छोटा हु, मुझे तथा अन्य चार खरगोशो को आपके भोजन के लिए भेजा था.
अगली सुबह, जब सख्त पड़ोसी उठा, तो उसने पाया कि उसके सारे पौधे उखड़ गए और बर्बाद हो गए। वहीं, जब दूसरा पड़ोसी उठा, तो उसने पाया कि उसके पौधे अभी भी मिट्टी में मजबूती से लगे हुए हैं, इतने तूफान के बावजूद।
उसने खेत के मालिक से कहा-छांटकर अच्छी-सी भेड़ ले लो,और इस निरीह कुरज को छोड़ दे, खेत का मालिक लोभी था.
नोट : ये कहानी मेरी कल्पना से रचित है....इसमें लिखे डायलॉग और एक्ट चाहे फनी हो या सीरियस सब मेरे दिमाग से लिखें गए है तो कृपया नकल करने की कोशिश ना करे पढ़े और प्यार दे ...
आ ही गये है तो परीक्षा देनी ही पड़ेगी. दानवों ने किवाड़ बंद किया लड्डुओं के थाल पर टूट पड़े.
महामंत्री गाँव के सर्वश्रेष्ठ मूर्तिकार के पास गया और उसे वह पत्थर देते हुए बोला, “महाराज मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं.
आप उसकी मदद करों. उसकी परेशान मत करो सताओ मत , उन्हें लगा कि उसने माँ की बात न मानकर बहुत बड़ी भूल की हैं आगे से वह अपनी माँ की हर आज्ञा का पालन करेगी.
में तो किसी तरह से उससे जान छुड़ाकर आपके पास आया हु, महाराज !
प्यार की हद तो देखो.... पप्पू - मैं तो गर्म चाय भी इसलिए ठंडी करके पीता हूं.
यह एक पशु प्रेम की कहानी हैं, जिसमें कुरज एक पक्षी हैं इसकी और पशुओ के ग्वाले फिर ऊदरे (चूहे) के साथ की कहानी हैं, इसमे राजस्थानी भाषा के लोक गान भी बिच-बिच में दिए गये हैं. कुरज एक रूस के साइबेरिया की पक्षी हैं.
वहां खाने के लिए कुछ भुने चने भी दिए. श्रीकृष्ण लकड़ी काटते रहे और सुदामा पोटली खोलकर चने चबाते रहे. जब श्रीकृष्ण लकड़ी काटकर आए तब तक सारे चने समाप्त हो चुके थे.
वह बालक अपनी धुन का पक्का व दृढ निश्चयी था. वह कुछ नही बोला और जमीदार की नौकरी छोड़कर अपने घर की ओर चल पड़ा. उसने अपनी पढाई चालु रखी.